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फ़न और फ़नकार में अंतिम में फ़न ही बचता है।
आप का होना बस कितनो के लिए राहत है प्रभू🌺🌺❤️❤️🙇
तुम्हे केवल स्त्री की कोमल देह दिखी, उसके भीतर का कोमल हृदय नहीं दिखा
' मैं इस मायने में बहुत भाग्यशाली रहा हूँ, मुझे बहुत प्यार करने वाली...
उनका रोना बताता है कि औरत क्यों देवी का रूप कही जातीं हैं।
ये अन्नक्षेत्र मेरा लीलाक्षेत्र है
हर किसी के जीवन की भूल-भुलैया
' मैं नदी था या नदी मुझ में थी'
आलस नगर का आलसी, एक दिन आलस भवन में।
आलसी होते नहीं ,आलसी अवतार लेते हैं😁
क्रोध से हुआ विस्फ़ोट अपने आस-पास के साथ सबसे ज्यादा हमें आहत करता है
बेचारा इंसान आदिकाल से आनंद का खोजी है